केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान वह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में शामिल देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।
प्रमुख बिंदु
- इस वार्षिक बैठक के दौरान SCO सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और उम्मीद है कि विचार-विमर्श के बाद एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की जाएगी। इस बैठक में श्री राजनाथ सिंह का संबोधन 24 अगस्त 2022 को होगा।
- इस दौरान रक्षा मंत्री उज्बेकिस्तान गणराज्य के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा इस बैठक से इतर कुछ अन्य SCO सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ भी बैठकें निर्धारित हैं, जहां द्विपक्षीय और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
- गौरतलब है कि SCO शिखर सम्मेलन 15-16 सितंबर को समरकंद में होने जा रहा है. इसमें भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान समेत 8 सदस्य देशों के शासनाध्यक्ष भाग ले रहे हैं।
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शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization)
SCO, जिसे शंघाई पैक्ट भी कहा जाता है, एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन है। SCO बनाने की घोषणा 15 जून 2001 को शंघाई, चीन में की गई थी। यह प्रस्ताव चीन, कजाकिस्तान, रूस, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के नेताओं ने रखा था।
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किस चार्टर के कारण SCO का निर्माण हुआ?
शंघाई सहयोग संगठन चार्टर पर जून 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे जिसने औपचारिक रूप से संगठन की स्थापना की थी। शंघाई सहयोग संगठन 19 सितंबर, 2003 को लागू हुआ।
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पार्श्वभूमि
SCO के मूल पांच सदस्य; चीन, रूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान; पहले शंघाई फाइव ग्रुप के सदस्य थे जिसे अप्रैल 1996 में स्थापित किया गया था। तब से, संगठन ने अपनी सदस्यता को आठ राज्यों में विस्तारित किया है। शंघाई सहयोग संगठन के नवीनतम सदस्य भारत और पाकिस्तान हैं। दोनों देश 9 जून, 2017 को SCO के अस्ताना शिखर सम्मेलन में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए।
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