मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा तैरता सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) बनेगा। इसका उद्देश्य राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देना और मध्य क्षेत्र में बिजली की समस्याओं का समाधान करना है।
पौधे के बारे में जानने के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- खंडवा में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) का निर्माण होगा।
- इससे 2022-23 तक 600 मेगावाट बिजली पैदा होगी।
- इस प्रोजेक्ट की कीमत 3000 करोड़ों रुपये बताई जा रही है।
- खंडवा जिला राज्य का एकमात्र जिला बन जाएगा जहां थर्मल पावर स्टेशन (thermal power stations), जल विद्युत संयंत्र (hydro power plants) के साथ-साथ सौर ऊर्जा संयंत्र (solar power plants) भी होंगे।
- ओंकारेश्वर बांध के पास नर्मदा नदी पर बनेगा सोलर पावर प्लांट (Solar power plant)
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भारत का सबसे बड़ा तैरता सौर संयंत्र (Floating Solar Plant):
अब तक, तेलंगाना में रामागुंडम फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना (Floating Solar PV project) देश की सबसे बड़ी परियोजना है। इसकी क्षमता 100 मेगावाट बिजली पैदा करने की है। परियोजना के लिए वाणिज्यिक संचालन 1 जुलाई, 2022 को शुरू किया गया था। इस परियोजना को एनटीपीसी (NTPC) द्वारा चालू किया गया था।
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फ्लोटिंग सोलर पैनल्स (Floating Solar Panels) के बारे में:
फ्लोटिंग सोलर पैनल फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल हैं, जो झीलों, जलाशयों आदि के तैरते प्लेटफॉर्म पर लगे होते हैं। ये मॉड्यूल तालाबों, झीलों या जलाशयों जैसे शांत जल निकायों पर सुरक्षित होते हैं। मॉड्यूल के लिए स्थापना अपेक्षाकृत जल्दी है। ये पौधे चलने के लिए चुप हैं। उन्हें भूमि समतलन या वनस्पति हटाने की आवश्यकता नहीं है।
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